ज़िंदगी

अधपढी सी एक किताब ज़िंदगी,
कई किस्से,किरदारों से सजी ये।
अप्रतिम,अतुलनीय ज़िंदगी,
कभी ज़िक्र तो कभी फ़िक्र ज़िंदगी ।
लमहों की खुली किताब ज़िंदगी।।

कुछ ज़रूरते पूरी तो कुछ ख्वाहिशे अधुरी,
क्या इन्हीं सवालों के जवाब है ज़िंदगी ?

यादों की कसक कभी तो,
साँसो की थकन ज़िंदगी।
कभी सच्ची मोहब्बत की तलब ज़िंदगी,
तो कभी एक खुबसूरत पैगाम ज़िंदगी।

कभी दिन की भागदौड़ ज़िंदगी,
तो कभी रूहानी शाम की रुखसत ज़िंदगी।
फ़टी जैब सी कभी,तो कभी सिक्कों की खनक सी ज़िंदगी।

कभी फरमाइशो की लम्बी फेरहिस्त,
तो कभी सच-झूठ,जीत-हार का स्वाद ज़िंदगी,

कई मोड़ लेने वाली,एक पहेली सी ज़िंदगी।

खुदा से मिला अजीज तोहफ़ा ज़िंदगी!

10 thoughts on “ज़िंदगी

      1. जीरो errors
        सम वन हैकड माय साइट 😭😭😍😍🌸🌻😊

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      2. यू लुक सीरीयस परसन
        सी आई मेड यू लाफ 😊🌻

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  1. बेहतरीन लेखन। लाजवाब।

    अधपढी सी एक किताब ज़िंदगी,
    कई किस्से,किरदारों से सजी ये।
    अप्रतिम,अतुलनीय ज़िंदगी,
    कभी ज़िक्र तो कभी फ़िक्र ज़िंदगी ।
    लमहों की खुली किताब ज़िंदगी।।

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